अगर में पुछु कि, मनुष्य क्या खाता है तो आपका जबाब होगा अनाज; हाँ भाई लोग वो अलग है की जो अमीर है उनका खाने का तोजुर्बा कुछ अलग ही है और जो गरीब है उनका भी खाने पिने  का स्टाइल अलग है लकिन हां अगर आप भारत में भिखारी को भी देखो उन्हें भी कम से कम दो वक्त की रोटी खाने को मिल ही जाती है चाहे वो सूखा रोटी ही क्यों न हो |  हाँ कुछ  भिखारी अलग किस्म के होते है पेशे से भिखरी लकिन दौलत से आमिर होते है | 

मिस्टर, बात ये है की ऐसे किस्म के आदमी तो आपको भारत जैसे बिकाशील देसो मे ही मिलेगा और अगर बात  करे बिकशीत देश की तो वहां तो शायद ही भिखारी या भूख से लाचार आदमी मिलेगा।  लकिन उस देश का क्या जहॉ खाने में कोई अनाज नाम का चीज ही नहीं मिलती है | 

जी हाँ कुछ ऐसे देश भी है, जहाँ खाने के नाम पर आदमी अनाज नहीं खाते है बल्कि मिट्टी को खाते  है|  आगे जिस देश की लोगो की  कहानी बताने वाले  हु, उसे जान कर तो आप यही कहोगे की हम भाग्यसाली है और एक भाग्यसाली देश में रहते है |  चलो एक बार बोलो  " मेरा भारत महान "


 
हैती, जो की एक देश का नाम है ये देश इतना गरीब है की यहाँ के जनता को दो वक़्त की रोटी तो छोड़िये जनाब, यहाँ तो एक वक़्त के सुखी रोटी को देश के जादे तर जनता तरसती  है, यहाँ खाने के नाम पर अनाज नहीं बल्कि मिट्टी खाई जाती है | पुरे देश का ये हाल हो गया है की लोग अगर लोग कूड़े के ढेर से कुछ अनाज का दाना मिल जाए तो उन लोगो को ऐसा लगता है। मानो कोई सोना चांदी मिल गया हो । निचे दिए गए फोटो को देखकर आप समझ ही सकते हो की यहाँ के लोग क्या खाते है और क्यों खाते है 

कैसे बनाते है हैती के लोग मिट्टी के बिस्कुट भीड़ कैसे बेचते है ?
बात ये है कि यहाँ के लोग पहले मिट्टी को आटा के तरह गूथते है और उनमे  नमक मिलाते क्योकि चीनी तो उनके नसीब में नहीं है फिर उनको अच्छी तरह से मिलाके वे लोग उसे घूप में सूखने को छोड़ देते  है सूखने के बाद उसे बज़ार  में जाके बिस्कुट की तरह बेचते है और तो और लोग भारी मात्रा में खरीदते भी है , चलिए एक नजर मिट्टी से बनाये जा रहे बिस्कुट को वीडियो के माध्यम से देखते लेते है 
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क्यों खाते है हैती के लोग मिट्टी से बनी रोटी या बिस्कुट ?
पहली बात ये है की ये देश पूरी तरह से गरीब है, यहाँ पे अनाज इतनी महंगा है की वहाँ के जादे तर जनता खरीदने में असमर्थ है | 
2010 में वहां भयंकर भूकंप आया था, जिसमें ढाई लाख के करीब लोगों की जान चली गई थी, वहीं 30 लाख से ज्यादा लोग उस भूकंप से प्रभावित हुए थे। हैती अब भी उससे उभरने की कोशिशों में लगा हुआ है।
हालांकि, वहां गरीबी पहले से है, वहां के पिछड़े इलाकों में तो हाल बहुत ही खराब है। 2008 में खबर आई थी कि वहां के लोग खाने की कीमतों में आए उछाल की वजह से मिट्टी की कुकीज बनाकर खाने लगे थे। दरअसल, उनपर खाना खरीदने तक के पैसे नहीं थे, ऐसे में वे वहां की पीली मिट्टी का इस्तेमाल करके कुकीज बनाने लगे।
वहाँ के लोगो अब मिटटी की रोटी खाने की आदत सी लग गयी है जिसके कारन वे मिटटी को अब गेहू की तरह इस्तेमाल करने लगी है | 

हमलोग हैती के लोगो को मिटटी खाने से कैसे बचा सकते है?
अगर हमलोग चाहे तो हैती के लोगो को मदद कर सकते है , हमे यानि भारत या और सभी देश मिलकर हैती को कुछ अनाज देकर या फिर कुछ अलग तरह से हैती के लोगो को इन दिक्कतों और इनसे होने वाले बीमारी से बचाया जा सकता है, ऐसे तो कई देश मदद करने को आये है | 


Note - स्वादिष्ट भोजन के बारे में भूल जाओ अगर आपको सामान्य भोजन मिल रहा है तो आप भाग्यशाली हैं क्योंकि दुनिया में बहुत से लोगों को जीवित रहने के लिए कुछ भी खाना पड़ता है उदाहरण के लिए मेडागास्कर में लोग जीवित रहने के लिए सफेद मिट्टी खाते हैं, दक्षिण सूडान में लोग जंगली घास खाते हैं हैती में लोगों के पास खाने के लिए कुछ नहीं है वे रेत में नमक मिलाकर बिस्किट के रूप में खाते हैं और फिलीपींस में कचरे में फेंके गए मांस को धोया जाता है और गरीब लोगों को खिलाने के लिए उपयोग किया जाता है। आप जो खाना खाते हैं उसका सम्मान करें।